What is (DBMS)Database Management System?डीबीएमएस क्या है?

DBMS का पूरा नाम “डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम” है, यह एक तरह का सॉफ्टवेयर है जिसकी सहायता से डेटाबेस को मैनेज जैसे Insert, Update, Delete, Edit आदि परफॉर्म किया जाता है। यह एक ऐसा Software Package है जिसकी सहायता से किसी Computerized Database को Create व Maintain किया जाता है।
डेटाबेस को क्रिएट, मॉडिफाई, मैनेज करने के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है जोकि डीबीएमएस सॉफ्टवेयर कहलाता है। डीबीएमएस एक ऐसा सॉफ्टवेयर पैकेज है जिसकी सहायता से रेकॉर्ड्स को सुरक्षित और व्यस्थित तरीके से रखा जाता है अर्थात यह एक प्रकार से कंप्यूटराइज्ड रिकॉर्ड को व्यवस्थित तरीके से सुरक्षित रखने वाली सिस्टम है।
 
Advantages of DBMS (डीबीएमएस कि विशेषताएं)
डीबीएमएस अत्याधिक पॉपुलर सॉफ्टवेयर जिसका उपयोग बड़ी ऑर्गनाइजेशन से लेकर छोटी कंपनी तक भी किए जाने लगे हैं। डीबीएमएस सॉफ्टवेयर की विशेषताएं निम्न है-
1. डेटा साझा करना(Sharing Of Data)
डीबीएमएस में डाटा शेयरिंग की सुविधा दी गई है,  जिससे डाटा के एकल हिस्से को कई भिन्न-भिन्न उपयोगकर्ता उपयोग में ला सकते हैं, किसी ऑर्गनाइजेशन के Authorised यूजर द्वारा डाटा शेयर किया जा सकता है। डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा डाटा को नियंत्रित किया जाता है तथा यही डाटा का एक्सेस करने के लिए यूजर को परमिशन देता है जिसमें अलग-अलग यूज़र एक ही डाटा को देखकर उस पर कार्य कर सकते हैं।
उदाहरण किसी बैंक के Authorised एंप्लोई किसी भी डाटा को (यदि एडमिनिस्ट्रेटर परमिशन दिया हो) एक दूसरे के साथ शेयर कर सकता है।
2. Data Abstraction
Data Abstraction का तात्पर्य ऐसे डाटा को हाइड करना होता है जो उस यूजर के लिए उपयोगी ना हो, इसे यूजर को अनुपयोगी डाटा पर बिल्कुल भी अपना ध्यान केंद्रित नहीं करना पड़ता है जिससे अधिक समय और श्रम की बचत होती है। इसकी वजह से यूजर को वही डाटा Show होता है जिसका उसे उपयोग हो सकता हो।
उदाहरण
किसी विश्वविद्यालय के शुल्क विभाग का एक उपयोगकर्ता को केवल फीस से संबंधित जानकारियों की आवश्यकता होगी ना कि किसी अन्य विभाग(जैसे खेल, परीक्षा) की डेटा से कोई मतलब होगा, इसलिए यहां डेटा abstraction के माध्यम से सॉफ्टवेयर में वही संबंधित जानकारी दिखाई जाती है जो उस उपयोगकर्ता के लिए उपयोगी होगी।
3. Controlling Data Redundancy
Data Redundancy मतलब “डेटा का दोहराव” होता है, प्रोग्रामर द्वारा एप्लीकेशन प्रोग्राम, फाइल्स आदि बनाने में काफी समय भी लग जाता है जिससे समय के साथ-साथ इस के फार्मूले, भाषा आदि बदलते रहते हैं, ऐसी परिस्थिति में डाटा डुप्लीकेशन हो जाती है, यही डुप्लीकेशन अर्थात् एक ही डाटा का कई स्थानों पर डुप्लीकेट डाटा होना डाटा रिडंडेंसी कहलाता है। रिडंडेंसी की वजह से अधिक स्टोरेज कॉस्ट की समस्या आ जाती है ऐसी समस्या को दूर करने के लिए डीबीएमएस डाटा रिडंडेंसी को कंट्रोल करता है जिससे डाटा डुप्लीकेट होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
4. Data Security
DBMS डाटा के लिए प्रॉपर सिक्योरिटी प्रोवाइड करती है अलग-अलग लेवल पर डाटा स्टोर करने की सुविधा प्रदान करने के साथ ऑपरेटिंग सिस्टम के लेवल पर भी सिक्योरिटी को लागू करने की सुविधा देती है,  इसमें डाटा का एक्सेस किसी ऑर्गनाइजेशन के Authorized User ही कर सकते हैं जो कि उनके Access के पूर्व लॉगिन पासवर्ड से वेरिफाई करनी होती है, जिससे डाटा अधिक सुरक्षित रहता है तथा कोई भी अनऑथराइज्ड यूजर एक्सेस नहीं कर पाता।
5. Data Independence
DBMS में स्टोर किया गया डाटा तीनों लेवल पर स्वतंत्र होता है यदि किसी एक लेवल में कोई बदलाव किया जाए तो दूसरे लेवल को कोई इफेक्ट नहीं पड़ता। जसिसे स्वतंत्र रूप से अलग-अलग लेवल पर कार्य किया जा सकता है।
6. Ease of Access
DBMS आसानी से डाटा एक्सेस करने की सुविधा प्रदान करती है क्योंकि इसमें डाटा सेंट्रलाइज्ड होता है इसलिए डेटाबेस के सभी यूजर्स एडमिनिस्ट्रेटर के परमिशन के साथ सरलता से एक्सेस कर प्राप्त कर सकते हैं, और इस तरह डाटा एक्सेस में आसानी होती है।
7. Recovery
कंप्यूटर एक मशीन है इसमें कभी भी किसी कारणवश हार्डवेयर अथवा सॉफ्टवेयर संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है जिससे सिस्टम फेल अथवा क्रैश होने की परिस्थिति में डीबीएमएस में ऐसी सुविधा दी गई है की DBMS तकनीकों के माध्यम से स्टोर डाटा को रिकवर किया जा सकता है।
8. Concurrent Access
DBMS  में एक साथ एक से अधिक यूजर द्वारा डाटा को एक्सेस किया जा सकता है यह समानांतर एक्सेस Concurrent एक्सेस कहलाता है।
9. Data Administration
DBMS में ऐसी तकलीफ होती है जिससे एडमिनिस्ट्रेटर आसानी से डेटाबेस का मैनेजमेंट कर सकने में समर्थ होता है। इसके पास data की सभी responsibility होती है।
Disadvantage of DBMS
डीबीएमएस में इसकी विशेषताओं को देखा जाए तो सीमाएं ना के बराबर है अतः इसकी सीमाओं को गहराई से नहीं लेनी चाहिए जो कि निम्न है-
1. Cost of Implementation
डेटाबेस सिस्टम को इंप्लीमेंट करने के लिए अधिक लागत की वजह से अधिक खर्च हो सकते हैं या पुराने फाइल सिस्टम की तुलना में अधिक खर्चीला होता है समय-समय पर हार्डवेयर अपडेशन की वजह से भी खर्च करनी पड़ सकती है।
2. Risk of Database Fail
इसमें डेटाबेस फेल होने की संभावना भले ही बहुत कम हो पर कुछ समय के लिए फेल होने पर किसी ऑर्गेनाइजेशन को अधिक लॉस हो सकता है।
3. Backup Requirment
डाटा डुप्लीकेशन को कम करने के लिए डाटा को सेंट्रलाइज्ड रूप से एक ही स्थान पर रखा जाता है डाटा लॉस से बचने के लिए पूर्व से ही बैकअप रखना आवश्यक होता है जिससे सिस्टम फेल होने पर इस बैकअप को रिकवर कर आसानी से डाटा रिपोर्ट किया जा सके परंतु यह रिकवरी का कार्य बहुत कठिन होता है।
4. Technical Staff Recruitment
किसी ऑर्गेनाइजेशन में कार्य करने के लिए कई कर्मचारियों की आवश्यकता होती है परंतु जितने भी एंप्लोई हो उन से हटकर अलग से टेक्निकल एंपलॉयर्स रखने की निश्चित रूप से आवश्यकता होगी ताकि डीबीएमएस का सुचारू रूप से संचालन किया जा सके।
5.Size
DBMS अपनी कार्यक्षमता की वजह से बड़ा सॉफ्टवेयर बन जाता है इसलिए इसके एप्लीकेशन को आसानी से चलाने के लिए बहुत सारी जगह और मेमोरी(A lot of space and memory) की आवश्यकता होती है।

Speak Your Mind

*

error: Content is protected !!