Database Language

A. DDL(Data Definition Language)
इसका पूरा नाम डाटा डेफिनिशन लैंग्वेज है यह डाटा को डिफाइन कर डीबीएमएस को डाटा की संरचना के विषय में जानकारी देता है ताकि एप्लीकेशन प्रोग्राम की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। DDL लैंग्वेज डाटा को डिफाइन करने व डाटा टेबल्स का निर्माण करने के लिए Create, Alter, Drop आदि कमांड उपलब्ध कराता है।
Create Table – टेबल बनाने के लिए।
Alter Table – टेबल में कॉलम जोड़ने के लिए।
Drop – डेटाबेस से टेबल डिलीट करने के लिए।
B. DML(Data Manipulation Language)
Data manipulation language जैसे कि नाम से ही स्पष्ट है इस लैंग्वेज के द्वारा डाटा को एक्सेस कर Manipulate, Change, कर सकते हैं। इसके द्वारा यूजर को किसी भी तरह के बदलाव करने की स्वतंत्रता होती है, इसके लिए डीएमएल मुख्य रूप से Select, Update, Delete, Insert आदि कमांड उपलब्ध कराता है।
C. DCL(Data Control Language)
डाटा कंट्रोल लैंग्वेज में ऐसी Commands होती है जो डेटाबेस की टेबल में मौजूद डाटा को सिक्योरिटी प्रदान करती हैं। इसमें डाटा कंट्रोल सुविधाओं के द्वारा कोई उपयोगकर्ता डाटा के लिए अन्य उपयोगकर्ता के एक्सेस प्रोसेस को नियंत्रित कर सकता है, वह इस डाटा के इंटीग्रिटी को कंट्रोल कर सकता है। डीसीएल मुख्य रूप से Trigger, Rollback, Commit आदि कमांड की सुविधा प्रोवाइड करती है।
D. TCL(Transaction Control Language)
इसका पूरा नाम ट्रांजैक्शन कंट्रोल लैंग्वेज है, किसी भी डाटा बेस पर किसी ऑपरेशन को परफॉर्म करने की प्रक्रिया को ट्रांजैक्शन कहते हैं। जब डेटाबेस पर कोई भी ट्रांजैक्शन परफॉर्म होती है तो यह ट्रांजैक्शन कंट्रोल के अंतर्गत होनी चाहिए तथा इस ऑपरेशन को परफॉर्म करने के लिए जिस लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है उसे टीसीएल अर्थात् Transaction Control Language कहा जाता है।

Speak Your Mind

*

error: Content is protected !!