Key का शाब्दिक अर्थ चाबी होता है, जैसे किसी ताले को खोलने के लिए चाबी कि आवश्यकता पडती है ठीक वैसे ही डेटाबेस में किसी टेबल के डाटा को खोजने के लिए “Key” का प्रयोग किया जाता है, Key एक विशेष प्रकार का Attribute होता है जिसकी सहायता से हम अन्य Attribute की पहचान कर सकते हैं। यदि एक Attribute से पूरी Entity को स्पष्ट किया जा सके तो इसे Entity का “Key Attribute” कहते हैं।
1. Primary Key
किसी Relation में प्रत्येक Row को अद्वितीय(Unique) रूप से पहचानने के लिए जिस Key Attribute सहायता ली जाती है वह प्राइमरी की कहलाती है। यह एक ऐसी Key होती है जो एक टेबल में प्रत्येक रिकॉर्ड को अद्वितीय रूप से पहचान कराती है। प्राइमरी की एक कैंडिडेट की होता है।
Example-
- Primary Key Unique होती है।
- किसी भी Relation में केवल एक ही Primary Key होती है।
- Primary Key सिंगल या Multi Column हो सकती है, Multi Column Primary Key को Composite Primary Key कहा जाता है।
- यह Null Value Accept नहीं करती।
2. Foreign Key
किसी डेटाबेस में एक टेबल कि प्राइमरी कि उसी डेटाबेस में दुसरे टेबल का Foreign Key होता हैं, एक ही डेटाबेस के रिलेशन का वह Attribute जो उसी डेटाबेस के अन्य रिलेशन के लिए प्राइमरी कि का कार्य करे “Foreign Key” कहलाता है। डेटाबेस के Relation में Primary Key का चयन करने के पश्चात बाकी बचे Attributes में से जो प्राइमरी Key का काम करे वह “Foreign Key” कहलाता है।
- Foreign Key को Refrence Key भी कहा जाता है।
- Foreign Key दो टेबल के मध्य Relationship स्थापित करता है अर्थात इसका प्रयोग एक टेबल का लिंक दूसरी टेबल के साथ बनाने के लिए किया जाता है।
- किसी टेबल का फॉरेन की दूसरी टेबल का प्राइमरी कि होता है।
- Foreign Key वाली टेबल को Child Table तथा कैंडिडेट की वाली टेबल को Refrence या Parent टेबल कहा जाता है।
3. Super Key
यह एक या एक से अधिक Attributes सेट होता है जो किसी टेबल में किसी Row को विशिष्ट तरीके से पहचान सकता है।
- Super Key Candidate Key का एक सुपर Set होती है।
- Super Key एक Entity Set के लिए एक या एक से अधिक का सेट होता है।
- यह Multiple Value Contain करती हैं।
- Super Key=CK+Zero or more Attributes.
- प्रत्येक Candidate Key एक सुपर Key है।
Example 1
मान लेते हैं किसी Entity के चार Attributes A,B,C तथा D है, यदि Attribute A किसी Entity की विशिष्ट पहचान कर सकता है तो A उस Entity के लिए सुपर की होगा। जैसे अब-
{AB}, {AC}, {AD}, {ABC}, {ABD}, {ABCD} आदि।
4. Candidates Key
यह वो सारे Attribute ya Attributes समूह होता है जो एंटिटी को Uniquely identify कर सके “Candidate Key” कहलाता है। यह Attributes का वह Set होता है जिसकि सहायता से किसी Entity को Uniquely कर पाते है।
- Super Key के एफिसेंट Version को ही कैंडिडेट की कहा जाता है।
- केवल वह की ही कैंडिडेट की हो सकती है जिसका कोई भी प्रॉपर subset Super Key नहीं है।
- Primary key को छोड़कर शेष attributes को एक candidate key के रूप में माना जाता है।
- A super key without Redundancy is Candidate key.
- Minimum set of Attribute used to uniquely identify record of the table.
- Minimal super Key is the candidate key
Example-
5. Alternate Key
यदि किसी रिलेशन में एक से अधिक Candidate Key होती है तब, उन Candidate Keys में से प्राइमरी की Select करने के बाद शेष बची Candidate Alternate Key के रूप में जानी जाती है।
यहां AD, BD और CD में किसी एक (जैसे AD) को प्राइमरी की बनाया जाए तो बाकी बचे दो (BD, CD) Alternate Key होगी। अल्टरनेट की को सेकेंडरी की(secondary key) भी बोला जाता है।
उदहरण उपर के चित्र में ही
6. Composite Key
Composite Key एक से अधिक Column से बनी होती है, एक ऐसी प्राइमरी की जिसमें एक से अधिक Attribute हों कंपोजिट की कहलाती हैं। कई cases में जब हम डेटाबेस डिज़ाइन करते हैं तो हम table बनाते हैं प्रत्येक table में हम एक से अधिक column के part primary key की तरह use करते हैं उन्हें composite key कहते हैं, दूसरे शब्दों में जब एक record एक single field के द्वारा uniquely identify नहीं किया जा सकता तो ऐसे case में composite key का use किया जाता हैं।
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