ऑफसेट प्रिंटिंग एक प्रसारण तकनीक है जिसमें एक चित्र को एक धातु प्लेट से एक रबर ब्लैंकेट या रोलर पर स्थानांतरित किया जाता है, और फिर इसे प्रिंटिंग सतह पर लगाया जाता है। इस प्रक्रिया को “ऑफसेट” कहा जाता है क्योंकि इंक को प्रिंटिंग प्लेट से सीधे कागज पर स्थानांतरित नहीं किया जाता है।
इस प्रक्रिया में, सबसे पहले एक धातु प्लेट बनाई जाती है जिस पर उच्च स्तरीय गोष्ठी (image) होती है। फिर, यह प्लेट एक सीरीज़ के जरिए इंक को लेती है, लेकिन इंक को सीधे पेपर पर नहीं लगाती है। इंक को रबर ब्लैंकेट पर स्थानांतरित किया जाता है फिर इंक को लेकर यात्रा करती है और उसे चित्र के ऊपर से गुजारकर कागज पर स्थानांतरित करती है। इस प्रक्रिया के कारण, चित्र बहुत उच्च स्तरीय और स्पष्ट होता है। ऑफसेट प्रिंटिंग एक स्थायी और अच्छी गुणवत्ता वाली प्रिंटिंग प्रक्रिया है जो विभिन्न प्रकार के उपयोगों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि पुस्तकें, पत्रिकाएँ, और विज्ञापन।
आसान शब्दो में कहे तो “ऑफसेट प्रिंटिंग एक ऐसी विधि (method) है जिसका इस्तेमाल चित्रों या छवियों को कागज , धातु , लकड़ी , कपडे और चमड़े (leather) के उपर प्रिंट करने के लिए किया जाता है।“ इस प्रिंटिंग में स्याही वाली छवियों को एक प्लेट से रबड़ के कंबल में और फिर प्रिंटिंग सतह (printing surface) पर प्रिंट किया जाता है। इस प्रिंटिंग का उपयोग ज्यादातर commercial (व्यावसायिक) प्रिंटिंग के लिए किया जाता है। इस प्रिंटिंग की गति तेज होती हैं इससे एक साथ 1000 से 10,000 प्रतियां छापी जाती हैं।
ऑफसेट प्रिंटिंग करने के लिए ऑफसेट प्रेस (Offset Press) को स्थापित (establish) करना पड़ता है। एक बार ऑफसेट प्रेस स्थापित हो जाने के बाद यह कुशल (efficiently) तरीके से और बड़ी मात्रा में चीज़ो को प्रिंट कर सकता है। ऑफसेट प्रिंटिंग के दो प्रकार होते है पहला “शीट-फेड ऑफ़सेट प्रिंटिंग” और दूसरा “वेब ऑफ़सेट प्रिंटिंग”।
1- Sheet-fed offset printing– शीट-फेड ऑफ़सेट प्रिंटिंग में, कागज के अलग-अलग पेज मशीन में लगाए जाते है। इसके बाद प्रिंटिंग की जाती है। इस प्रिंटिंग में कागज को काटा जा सकता है, उसका आकार बदला जा सकता है और प्रिंटिंग के बाद trim किया जा सकता है। इस प्रिंटिंग का उपयोग ज्यादातर छोटी और medium size वाली पुस्तकों को प्रिंट करने के लिए किया जाता है। इसमें चीज़ो को प्रिंट करने के बड़ी और उच्च गति (high speed) वाली मशीनों का उपयोग किया जाता है।
2- Web offset printing– वेब ऑफसेट प्रिंटिंग का इस्तेमाल उन सामग्री को प्रिंट करने के लिए किया जाता है जो नियमित रूप से बदलती रहती है। उदहारण के लिए महानगरीय समाचार पत्र (metropolitan newspapers) इस प्रिंटिंग में प्रिंटिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद पेजो को रोल फीड से अलग किया जाता है और उनको काटा जाता है। वेब ऑफसेट प्रिंटिंग का उपयोग बड़े पैमाने (Large scale) में पुस्तकों, पत्रिकाओं, समाचार पत्रों, कैटलॉग और ब्रोशर को प्रिंट करने के लिए किया जाता है।
Process of Offset Printing – ऑफसेट प्रिंटिंग की प्रक्रिया
1 प्रिंटिंग प्लेट तैयारी: पहले, एक धातु प्रिंटिंग प्लेट बनाई जाती है। इस प्लेट पर उच्च स्तरीय गोष्ठी (image) होती है, जो मुद्रण करने के लिए तैयार की जाती है।
2 इंक का अनुप्रयोग: इस प्रिंटिंग प्लेट से गोष्ठी को ऊपरी सतह पर स्थानांतरित करने के लिए इंक का अनुप्रयोग किया जाता है।
3 रबर ब्लैंकेट का उपयोग: इंक वाली सतह से, इंक को एक रबर ब्लैंकेट पर स्थानांतरित किया जाता है। रबर ब्लैंकेट उच्च गुणवत्ता और लाजर के साथ संबंधित है, जिससे गोष्ठी को सुरक्षित रूप से प्राप्त किया जा सकता है।
4 प्रिंटिंग सतह पर अंकित करना: अब, रबर ब्लैंकेट से इंक को प्रिंटिंग सतह पर स्थानांतरित किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, गोष्ठी का इंक के साथ कोई सीधा संपर्क नहीं होता है, जिससे उच्च गुणवत्ता के साथ प्रिंट होता है।
5 कागज पर मुद्रण: अंत में, इंक से भरी प्रिंटिंग सतह से गोष्ठी को कागज पर स्थानांतरित किया जाता है, जिससे चित्र या टेक्स्ट उत्पन्न होता है।
Advantages of Offset Printing – ऑफसेट प्रिंटिंग के विशेषताएँ
1- Speed (गति)- ऑफसेट प्रिंटिंग में चीज़ो को प्रिंट करने के लिए बड़े रोल का उपयोग किया जाता है जो एक घंटे में हजारो कागज को प्रिंट कर सकते है। यह काफी तेज गति से प्रिंट करते है।
2- High Quality (उच्च गुणवत्ता)- यह प्रिंटिंग उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री (material) को प्रिंट करने में सक्षम है जिसके कारण यूजर को एक अच्छा आउटपुट प्राप्त होता है।
3- Flexibility (लचीला)- यह प्रिंटिंग अधिक लचीली (flexible) है जिसमे प्रिंटिंग के बाद कागज को काटा ,और मोड़ा जा सकता है।
4- Cost Effective (पैसे की बचत)- इस प्रिंटिंग में कागज पर चित्रों को प्रिंट करने में कम खर्चा आता है जिसके कारण यह व्यवसाय और organization के लिए प्रिंटिंग का एक लोकप्रिय विकल्प है।
5- Large Scale Printing (बड़े पैमाने में प्रिंटिंग)- इसमें बड़े पैमाने और अधिक मात्रा में चीज़ो को प्रिंट किया जा सकता है।
Disadvantages of Offset Printing – ऑफसेट प्रिंटिंग के सीमाएं
1- Time (समय)- ऑफसेट प्रिंटिंग को स्थापित करते वक़्त काफी ज्यादा समय लगता है। क्योकि इसमें प्लेट बनाने में ही अधिक समय लग जाता है।
2- Complex Installation– इसे इनस्टॉल करना काफी जटील (complex) होता है।
3- Large Scale– इस प्रिंटिंग का उपयोग ज्यादतर उस वक़्त किया जाता है जब बड़े पैमाने में object को प्रिंट करना होता है।
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