लेआउट टैब का उपयोग डॉक्यूमेंट फाइल के पेज लेआउट से सम्बन्धी विभिन्न प्रकार सेटिंग्स आदि करने के लिए किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण आप्शन में से एक है, पेज को प्रिंट आउट के पश्चात किस तरह से प्रदर्शित होगा, पेज मार्जिन, आदि इसी से सेट किया जाता है MS Word के Layout Tab को 03 और ग्रुप में डिवाइड किया गया है जो आगे दिया गया है-
Page Setup
👉 Margins – पेज मार्जिन अर्थात वर्ड डॉक्यूमेंट पेज के चारों किनारों से टेक्स्ट कि दूरियां, अर्थात किसी पेज के चारो किनारों में जितनी खाली छूटती है वह उस पेज के लिए पेज मार्जिन कहलाती हैं, सामान्य शब्दों में हम पेज मार्जिन को टेक्स्ट और पेज के किनारे के बीच कि खाली जगह भी कह सकते हैं। उदहारण- जब हम किसी भी पुस्तक को देखते हैं तो पाते हैं कि प्रत्येक पेज के चारों किनारे पर कुछ खाली जगह छूटी होती हैं इसी खाली जगह को पेज मार्जिन के द्वारा सेट कि जाती हैं, सामान्यतः किसी लेटर को फाइल में पंच करके रखते हैं जिससे कि पंच किये हुए साइड में पंच तथा फाइल में बहुत पन्नो कि वजह से कुछ टेक्स्ट के छिप जाने कि आशंका होती हैं, इसी वजह से भी अपनी आवश्यकतानुसार पेज मार्जिन छोड़ी जाती हैं।
👉 Orientation – ओरिएंटेशन अर्थात “स्थिति निर्धारण” होता है, वर्ड डॉक्यूमेंट में हमे अपने पेज का स्थिति किस तरह(लेंडस्केप या पोर्टरेट) रखना है उसको यंही से चयन किया जाता है। साधारण शब्दों में कहें तो हमें अपने पेज को खड़ी या आड़ी रखनी है उसका चयन इसके द्वारा किया जाता है।
👉 Size – वर्ड डॉक्यूमेंट में साइज़ का मतलब जिस डॉक्यूमेंट में कार्य कर रहे पेज के साइज़ से है जैसे A4 साइज़, लेटर साइज़ आदि।
👉 Column- खुले हुए पेज को अलग अलग कॉलम रूपी भागो में बाटने कि सुविधा देती हैं। अर्थात पेज में कॉलम जोड़ने कि सुविधा प्रदान करती है, जैसे एक ही पेज को दो, तीन भागो में बाटा जा सकता है।
👉 Breaks – यह पेज में टेक्स्ट के मध्य ब्रेक लगाने कि अनुमति देता है। अर्थात टेक्स्ट लिखने के दौरान एक पेज को छोड़कर अगले पेज में जाने के लिए पेज ब्रेक का प्रयोग कर सकते हैं, इसके द्वारा ओड तथा इवन पेज ब्रेक, कॉलम पेज ब्रेक भी ले सकते हैं।
👉 Line Numbers – यह पेज में लिखे गए टेक्स्ट के प्रत्येक लाइन में सीरियल नंबर लगाने कि सुविधा देती हैं, इसके द्वारा एक एक लाइन में नंबर लगा सकते हैं।
👉 Hyphenation – एमएस वर्ड डॉक्यूमेंट में जहां स्पेस दिए गये हैं वहां पर शब्दों स्वतः ही को तोड़(अलग कर) देती है। हायफ़नेशन लगाने पर उन शब्दों को तोड़ देता है जो अगर हायफ़नेशन नही किये जाते तो मार्जिन के बाहर भी जा सकते हैं, अगर उपयोगकर्ता हायफ़न किये गये शब्द को एक ही लाइन में रखना चाहते हैं तो नॉन-ब्रेकिंग स्पेस या नॉन-ब्रेकिंग हायफ़न का प्रयोग कर सकते हैं।
Paragraph
इसके द्वारा टेक्स्ट के पैराग्राफ में चरों ओर कितनी जगह छोडनी है उसका सेटअप किया जाता है, जैसे पैराग्राफ के लेफ्ट साइड में या जस्ट उपर में कितनी जगह उपयोगकर्ता छोड़ना चाहते हैं उनका सेटअप यही से किया जाता है।
Saraswati Mahant